झाँकी प्रबंधन
ब्रजेश कानूनगो
झाँकियों की परंपरा हमारे यहाँ पुरानी है। परंपरागत चित्रों और केलेंडरों मे राम दरबार और गोपाल कृष्ण की रासलीला या महाभारत में अर्जुन को सारथी कृष्ण द्वारा कर्मयोग का पाठ पढ़ाती झाँकियाँ बहुत लोकप्रिय रहीं हैं। पर्वों उत्सवों पर चल-समारोह के रूप में झाँकियाँ निकाली जाती रहीं हैं। गणतंत्र दिवस हो या गणेशोत्सव, नागपंचमी हो या नवरात्रि, झाँकियों की परंपरा कायम है। लेकिन अब इसका परिष्कार हो गया है। झाँकियाँ अब जमाई जाने लगीं हैं। प्रभावशाली व्यक्तित्व के लिए झाँकी जमाना एक अत्यन्त आवश्यक गुण हो गया है। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि कोई कितनी सफलता के साथ अपनी झाँकी जमाने की सामर्थ्य रखता है।
किसी राजनीतिक दल का कोई नेता शहर मे अवतरित हुआ हो अथवा स्थानीय युवा हृदय सम्राट को हाईकमान ने कोई जिम्मेदारी सौंप दी हो प्रतिष्ठानुरूप झाँकी जमाना अत्यंत आवश्यक हो जाता है। नागरिकों को भले ही कष्ट हो,यातायात व्यवस्था चौपट हो जाए किन्तु रैली निकल रही है-झाँकी जम रही है। परमानंद पार्षद का जन्मदिन हो तो जरा मुहल्ले की फिजा पर गौर फरमाइए,चौराहों-नुक्कड़ों पर छोटे-बड़े अनुयायी बड़े-बड़े -पोस्टरों होर्डिंगोँ में उन्हे बधाई देते हुए न सिर्फ उनकी बल्कि स्वयं की भी झाँकी जमाते हुए दिखाई देते हैं। झाँकी जमाने को शब्दों मे परिभाषित करना उतना ही कठिन है जितना 'प्रेम' अथवा 'समर्पण' को परिभाषित करना। इसे सिर्फ महसूस किया जा सकता है।
कवि सम्मेलनों के संचालकों से जरा चुपके से पूछिए-'बंधु, कैसा चल रहा है,आजकल?' बड़ी ही रहस्यमयी मुस्कान के साथ कहेंगे-'बस यूहीं मित्रों की झाँकियाँ जमा रहें हैं, पिछले कई दिनों से पत्र आ रहे थे- अबकी बार ध्यान रखना, सो मित्रता तो निभाना ही है,आज हम उनकी यहाँ जमाएँगे,कल वे वहाँ हमारी प्रतिष्ठित करवा देंगें।
दफ्तर के बड़े बाबू की सास का देहांत हो जाता है तो एकादशा कर्म में सम्मिलित होने के लिए वे अपने साहब से अनुरोध करते हैं कि- 'हुजूर,ऐसी झाँकी जमाइए कि हम साले-सालियों को साँत्वना भी दे आएँ और दफ्तर के जरूरी कागजात भी मुख्यालय समय पर पहुँच जाएँ।' और सचमुच हुजूर बड़े बाबू की झाँकी जमवा देते हैं क्योँकि बड़े बाबू भी वक्त –बेवक्त हुजूर की झाँकियाँ जमवाते रहते हैं।
झाँकी जमाना सर्वव्यापी क्रिया है। जिसकी जम जाती है वह परम आनंद को प्राप्त होता है। परमानंद हो जाता है। सेठ परमानंद अपने कर सलाहकार और मुनीमजी को आँकड़ों की ऐसी झाँकी जमाने को कहते हैं कि आयकर एवं अन्य टैक्सोँ की रकम कम से कम अदा करनी पडे। ठाकुर परमानन्द सिंह ऐसी राजनैतिक झाँकी जमाना चाहते हैं कि अगले चुनाव में पार्टी की उम्मीदवारी का टिकट उन्हे ही मिले। पंडित परमानन्द कुछ ऐसी झाँकी जमवाना चाहते हैं कि डूब में आने वाले अपने खेत का अधिक से अधिक मुआवजा प्राप्त कर सके । स्वामी परमानंद सरस्वती ने ऐसी झाँकी जमाई कि आश्रम के आसपास की सैंकडों एकड़ सरकारी भूमि उनके स्वामित्व में आ गई। प्रोफेसर परमानंद'परम' शासकीय पुरस्कार प्राप्ति के लिए झाँकी जमानें में व्यस्त हैं तो उस्ताद परमानंद 'सुरसागर' फैलोशिप के लिए झाँकी जमाने का प्रयास कर रहे हैं। मास्टर परमानंद स्थानान्तर रुकवाने के लिए झाँकी जमा रहा है तो बाबू परमानंद स्थानान्तर करवाने के लिए।
बहरहाल, झाँकी जमाना सफलता का एक नया मापदंड बन गया है। इसके व्यापक महत्व को देखते हुए, इस कला के व्यवस्थित अध्ययन की दृष्टि से, अब इसे एक विषय के रूप में प्रबंधन के पाठ्यक्रम में अविलम्ब सम्मिलित कर लिया जाना चाहिए।
ब्रजेश कानूनगो
503 ,गोयल रिजेंसी, चमेली पार्क, कनाडिया रोड, इंदौर-18
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